आज हम आपको बताएंगे की भारत में वह कौन-कौन सी प्रजातियां हैं जिन्हें हम भूतकाल में देखते थे परंतु वर्तमान में नहीं देख सके और आज हम वर्तमान में जिन्हें हम देखते हैं क्या उन्हें हम भविष्य में देख सकेंगे और इसकी कितनी संभावना है
1 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
यह भारत और पाकिस्तान के निकटवर्ती क्षेत्रों में पाया जाना आम बात थी क्योंकि यहां गरम और अनुकूल मौसम था आज अनोखा बहुत अधिक मात्रा में शिकार हुआ है जिससे उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है
सरकार ने इसे आईयूसीएन की सूची में शामिल करके संरक्षण प्रदान किया है
2 हिमालयन मोनल तीतर
हिमालय मोनल तीतर की पूरी बॉडी कलरफुल होती है तथा एक मोर के समान दिखाई पड़ता है जिस कारण से स्थानीय लोग इसकी लोक गाथाएं गाते हैं इसके पंख वह खाल बहुत सुंदर और आकर्षण का केंद्र है जिस कारण से शिकारियों ने इसका बहुत अधिक मात्रा में शिकार किया है यह उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश सिक्किम अरुणाचल प्रदेश आदि राज्य में पाए जातेे हैं भारत सरकार ने इसे भी आईयूसीएन कीीी सूची में विशेष रूप से शामिल कियाा है
3 सारस क्रेन
यह एक बड़ी क्रेन की श्रेणी में आता है और यह रितु प्रवासी है यह एक जगह से दूसरी जगह प्रवास करते हैं यह भारत सहित उसके अन्य क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं निकटवर्ती है देशों में भी इस की शारीरिक संरचना पूरी बॉडी ग्रे रंग की होती है परंतु सर और टांगे लाल रंग की होती है शिकारियों ने इसका भी बहुत मात्रा शिकार करके इसके अस्तित्व को मिटाया है अब यह लास्ट स्टेज में है
4 एशियाटिक लायन
भारत की पहचान बब्बर शेर के रूप में जाना जाता है दोस्तों एशिया से भारत में पाई जाने वाली पांच बिल्लियों में से एक है जिसे बंगाल टाइगर, तेंदुआ, भारतीय तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता एशिया शेर भारत और उसके पूरे महाद्वीप में पाया जाना आम बात थी परंतु कुछ वर्षों से इसका शिकार बहुत अधिक मात्रा में हुआ है और इसके क्षेत्र में भी कमी आई है जिस कारण से इनकी संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही हैं
5 कृष्ण मृग
यह एक हिरण की प्रजाति है जो मूल रूप से भारत में निवास करती है इसका क्षेत्र, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब ,राजस्थान, हरियाणा, गुजरात तक सीमित है
जो आज मानव के हस्तक्षेप के कारण अपने जीवन के अंतिम अवस्था में है और इसकी पद बहुत कम संभावना है कि यह भविष्य में देखने को मिल सकेगी इसलिए सरकार ने इसे 2003 में आईयूसीएन की सूची में शामिल किया है
6 गंगा नदी डॉल्फिन
यह गंगा नदी डॉल्फिन भारत में 1992 में संरक्षण प्रदान किया था यदि कोई व्यक्ति इसका शिकार करता है इसका व्यापार करता है या इसे घरेलू रूप से पालता है तो उस पर कानूनी प्रक्रिया के तहत दंडनीय कारवाही की जाएगी एक समय था जब गंगा नदी में बहुत अधिक मात्रा में डॉल्फिन थी परंतु शिकारियों के कारण उसकी संख्या अल्प मात्रा में रह गई है
7 हूलॉक गिब्बन
यह एक लोटा बंदर है जो केवल भारत में ही पाया जाता है यह सभी बंदरों से ज्यादा कलाबाज बंदर है यह उत्तर पूर्वी भारत में पाए जाते हैं और बांग्लादेश वर्मा चीन के कुछ हिस्सों में भी यह पाए जाते हैं यह शांति प्रिय जानवर है जो शांति के मॉल में रहना पसंद करता है इसी कारण से शिकारियों ने इनको बहुत अधिक मात्रा में शिकार किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका व्यापार किया है जिससे इनकी संख्या में भारी कमी आई है यह बहुत सुंदर दिखाई पड़ते
8 नीलगिरी लंगूर
यह दक्षिण भारत में पूर्वी तट की नीलगिरी पहाड़ियों में पाया जाता है जो कर्नाटक तमिलनाडु तक ही सीमित है मानव ने इसका शिकार खाल मास और बालों को प्राप्त करने के लिए अधिक मात्रा में किया है जिस कारण सरकार ने इसे आईयूसीएन की सूची में शामिल किया है
9 ऑलिव रिडले
यह भारतीय कछुए की महत्वपूर्ण प्रजातियों में से एक है जो एकांत और खुले समंदर में रहना पसंद करती है यह हजारों सैकड़ों मील की दूरी प्राप्त करके उड़ीसा के तट के किनारे आकर अंडे देते हैं यह कछुए शारीरिक रूप से बहुत सुंदर और आकर्षण का केंद्र माने जाते हैं शिकारियों ने इनका शिकार करके तथा इनके अंडों को अगवा करके इनको बहुत क्षति पहुंचाई है यह बहुत चिंता का विषय भी है जिस कारण सरकार ने इसे आईयूसीएन की सूची में शामिल किया है
10 तेंदुआ बिल्ली
तेंदुआ बिल्ली दक्षिण पूर्वी एशिया की छोटी सी जंगली बिल्ली है जो वर्ष 2002 में इनकी संख्या लगभग बहुत कम रह गई थी जिस कारण से सरकार ने इसे आईयूसीएन के सूची में शामिल किया है इसकी कमी का मुख्य कारण जंगलों की कटाई खेती में विस्तार तथा इनके क्षेत्र पर हस्तक्षेप करना मुख्य कारण माने गए हैं सरकार ने इन सब पर प्रतिबंधित लगाया है
धन्यवाद
Verry good
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